हिन्दी विभाग परिचय
दिल्ली विश्वविद्यालय, दक्षिण परिसर में स्थित श्री वेंकटेश्वर महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1961 में महान शिक्षाविद् , सामाजिक कार्यकर्ता तथा स्वाधीनता संग्राम की मशाल वाहिका श्रीमती दुर्गाबाई देशमुख की दूरदर्शिता और समाज सेवा के दायित्व बोध का शुभ फल है। यहाँ का हिन्दी विभाग प्रारम्भ से ही इस विश्वविद्यालय के मेरुदंड के समान न केवल हिंदी भाषा शिक्षण , अपितु विद्यार्थियों के सर्वतोन्मुखी विकास तथा महाविद्यालय को जीवन मूल्यों की एक सशक्त समृद्ध पाठशाला बनाने में आद्योपान्त समर्पित रहा है । परिणामस्वरूप उत्तरोत्तर लोकप्रियता के स्वर्णिम शिखरों पर आरूढ़ होते हुए प्रारंभ में मात्र पाँच शिक्षकों तक सीमित यह विभाग 1991 में हिंदी ऑनर्स की प्रस्तावना के साथ आज ग्यारह शिक्षकों से सुशोभित है। स्वर्गीय डॉक्टर नरेन्द्र कुमार, स्वर्गीय डॉक्टर हीरा वल्लभ तिवारी, डॉक्टर तिलक सिंह यादव, डॉक्टर हरि प्रसाद वर्मा , डॉक्टर रमेश कुमार जैन के सबल नेतृत्व में श्री वेंकटेश्वर महाविद्यालय प्रशासनिक दक्षता, निगमित विकास और न केवल हिंदी अपितु कला ,वाणिज्य तथा विज्ञान संकायों के क्षिप्र और सुव्यवस्थित संवर्धन में निस्वार्थ सहयोग देता रहा है । विभाग के सदस्यों की नेतृत्व क्षमता का प्रमाण इस तथ्य से भी संपुष्ट होता है कि विभाग के दो सदस्य उपप्रधानाचार्य के पद को भी शुशोभित कर चुके हैं । शासी निकायों की सदस्यता , पाठ्येतर गतिविधियों का दायित्व भी हिंदी विभाग के वरिष्ठ सदस्यों विशेषकर डॉक्टर रमेश कुमार जैन , डॉक्टर हरि प्रसाद वर्मा तथा स्वर्गीय डॉक्टर हीरा वल्लभ तिवारी जी द्वारा वहन किया जाता रहा।
विभाग की हिंदी परिषद समय-समय पर हिंदी साहित्य के अन्यान्य विषयों पर गोष्ठियों , प्रतियोगिताओं , संवाद सत्रों तथा शैक्षणिक यात्राओं के आयोजन द्वारा विद्यार्थियों को ज्ञान के गूढ़ क्षेत्र से परिचित कराती रहती है । भित्ति-पत्रिका में विभिन्न विषयों पर छात्र अपनी स्वरचित रचनाओं का प्रकाशन करते हैं। अनेक राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार तथा कवि सम्मेलनों का आयोजन परिषद की क्रियाशीलता का प्रमाण है। वर्तमान में विभाग में बारह शिक्षक है तथा भविष्य में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को प्रस्तावित किए जाने तथा पत्रकारिता अनुवाद एवं अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में हिंदी जैसे विशिष्ट क्षेत्रों को सम्मिलित किए जाने की यशस्वी योजना है।
Teacher In-charge
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दिल्ली विश्वविद्यालय, दक्षिण परिसर में स्थित श्री वेंकटेश्वर महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1961 में महान शिक्षाविद् , सामाजिक कार्यकर्ता तथा स्वाधीनता संग्राम की मशाल वाहिका श्रीमती दुर्गाबाई देशमुख की दूरदर्शिता और समाज सेवा के दायित्व बोध का शुभ फल है।